prakash group of institution सेकेंडरी मेमोरी ( Secondary Memory) को अलग से जोडा जाता है और यह स्टोरेज के काम आती है तो इसे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहते हैं , प्राइमरी मेमोरी ( Primary Memory) के अपेक्षा इसकी गति कम होती है लेकिन इसकी Storage क्षमता प्राइमरी मेमोरी ( Primary Memory) अधिक होती है और जरूरत पडने पर इसे अपग्रेड (घटाया या बढाया) किया जा सकता है , आईये जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी ( Secondary Memory) कितने प्रकार की होती है - 1. मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप ( Magnetic Tape) 2. मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क ( Megnetic Disk) 3. ऑप्टिकल डिस्क ( Optical Disk) 4. यूऍसबी फ्लैश ड्राइव ( USB Flash Drive) 1- मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप ( Magnetic Tape) यह देखने में किसी पुराने जमाने के टेप रिकार्डर की कैस...
prakash group of institution Internet ki khoj kisne kiya इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगो का हाथ था. सबसे पहले लियोनार्ड क्लेरॉक ( Leonard Kleinrock ) ने इंटरनेट बनाने की योजना बनाई बाद में 1962 में J.C.R. Licklider ने उस योजना के साथ , रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) की मदद से एक Network बनाया जिसका नाम “ ARPANET “ था. ARPANET को TELNET नाम से 1974 में व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया गया. भारत में इन्टरनेट 80 के दशक में आया. History of Internet in hindi ( इन्टरनेट का इतिहास) सबसे पहले सन 1969 में अमेरिका के रक्षा विभाग में Advance Research Project Agency ( ARPA ) नाम का नेटवर्क लांच किया गया जिसका प्रयोग गुप्त सूचनाओ को भेजने के प्रयोग में लाया गया. सन 1971 में सबसे पहला Email Ray Tomlinson ने भेजा था | जैसे जैसे इसके फायदे का पता चलता गया वैसे वैसे ही इसका इस्तेमाल बढता गया. भारत में इन्टरनेट 80 के दशक मे आया. ¨ 1969 में अमेरिका के रक्षा व...