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सेकेंडरी मेमोरी (Secondary
Memory) को अलग से जोडा जाता है और यह स्टोरेज
के काम आती है तो इसे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहते हैं, प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory) के अपेक्षा इसकी गति कम होती है लेकिन इसकी Storage क्षमता प्राइमरी
मेमोरी (Primary Memory) अधिक होती है और जरूरत पडने पर इसे अपग्रेड (घटाया या बढाया) किया जा
सकता है, आईये जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) कितने प्रकार की होती है -
1.
मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape)
2.
मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic Disk)
3.
ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk)
4.
यूऍसबी फ्लैश ड्राइव (USB Flash Drive)
1- मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप (Magnetic
Tape)
यह देखने में किसी पुराने जमाने के टेप रिकार्डर की कैसेट की तरह
होती थी, इसमें प्लास्टिक के रिबन पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढी होती थी, जिस पर डाटा स्टोर करने के लिये हेड
का प्रयोग किया जाता था बिलकुल टेप रिकार्डर की तरह, इस डाटा का कितनी बार लिखा और मिटाया
जा सकता था और यह काफी सस्ते होते थे
2- मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic
Disk)
मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic Disk) दो प्रकार की होती हैं -
1.
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
2.
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)
फ्लॉपी डिस्क (Floppy
Disk)
फ्लॉपी डिस्क (Floppy
Disk) के बहुत पतले प्लास्टिक की एक गोल
डिस्क होती है जो एक प्लास्टिक के कवर में बंद रहती थी, इस डिस्क पर चुम्बकीय पदार्थ की परत
चढी होती थी, फ्लॉपी डिस्क (Floppy
Disk) आकार एवं और स्टोरेज के आधार पर दो
प्रकार की होती है -
1.
मिनी फ्लॉपी (Mini Floppy) - मिनी फ्लॉपी (Mini
Floppy) का व्यास (Diameter) 3½ इंच होता है और इसकी स्टोरेज क्षमता 1.44 MB होती है इसे कंप्यूटर में रीड करने के
लिये 3½ इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्यकता होती है, यह लगभग 360 RPM यानि Revolutions Per Minute यानि चक्कर/घूर्णन प्रति मिनट की दर से घूमती है इसी प्रकार
2.
माइक्रो फ्लॉपी (Micro Floppy) - माइक्रो फ्लॉपी (Micro
Floppy) का व्यास (Diameter) 5½ इंच होता है और इसकी स्टोरेज क्षमता 2.88 MB होती है, इसके भी 5½ इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्यकता होती है
नोट - कंप्यूटर में
"ए" और "बी" ड्राइव का इस्तेमाल फ्लॉपी डिस्क के लिये ही
होता था और आज भी वर्तमान में "A" और "B" ड्राइव फ्लॉपी डिस्क के लिये ही Reserveरहती है, हालांकि इसका प्रयोग बिलकुल बंद
हो चुका है
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk
Drive)
आपको बता दें कि दुनिया की पहली हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) के निर्माता IBM हैं, जिसे 1980 में बनाया गया, यह एक यह एलुमिनियम धातु की डिस्क होती है जिस पर पदार्थ का लेप चढा
रहता है, यह डिस्क एक धुरी पर बडी तेजी से घूमती है और इसकी गति को RPM यानि Revolutions Per Minute यानि चक्कर/घूर्णन प्रति मिनट में
मापा जाता है, आजतक बाजार में 5200
RPM और 7200 RPM वाली हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) उपलब्ध है, हार्डडिस्क ड्राइव में Track और Sector में डाटा स्टोर होता
है. एक सेक्टर में 512 बाईट डाटा स्टोर होता है, 80 के दशक में आयी हार्डडिस्क ड्राइव
जिसके पहले पार्टीशन को नाम दिया गया "C" ड्राइव और आज जब आप
विंडोज इंस्टॉल करते हो तो वह सबसे पहले "C" ड्राइव में ही इंस्टाॅल होती है। अगर
स्टोरेज की बात करें ताे हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) को प्रमुख सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है वर्तमान में 1 टैराबाइट से लेकर 100 टैराबाइट तक की हार्ड डिस्क उपलब्ध
हैं
3- ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk)
ऑप्टिकल डिस्क (Optical
Disk) में पॉली कार्बोनेट की गोल डिस्क होती
है, जिस पर एक रासायनिक पदार्थ का लेप रहता है ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) डेटा डिजिटली रूप में सुरक्षित रहता है, डाटा को ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) पर रीड और राइट करने के लिये कम क्षमता वाले लेजर प्रकाश का प्रयोग
किया जाता है ऑप्टिकल डिस्क (Optical
Disk) तीन प्रकार की होती है -
1.
सीडी (CD)
2.
डीवीडी ड्राइव (DVD)
3.
ब्लू रे (Blu Ray)
सीडी (CD )
सीडी (CD) का पूरा नाम कॉम्पेट डिस्क है, इसकी क्षमता हार्डडिस्क से कम और फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) से ज्यादा होती है, इसमें कुछ 700MB डाटा को स्टोर किया जा सकता है, इसमें डाटा लगभग 30 वर्षो तक सुरक्षित रह सकता है, लेकिन इसकी सतह पर स्क्रैच आने
पर डाटा को रीड और राइट करने में परेशानी होती है
डीवीडी (DVD)
सीडी (CD) की अपेक्षा डीवीडी (DVD) यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्क की स्टोरेज
क्षमता बहुत अधिक होती है, लेकिन देखने में यह दोनों एक जैसी ही लगती है डीवीडी (DVD)की स्टोरेज क्षमता करीब 4.7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक होती है, लेकिन स्क्रेच वाली समस्या यहां भी
है
ब्लू रे (Blu Ray)
ब्लू रे (Blu Ray) देखने में CD और DVD की तरह ही होती है लेकिन इसको रीड और राइट करने के लिये जिसे लेजर
प्रकाश का प्रयोग किया जाता है वह नीले रंग-जैसी बैंगनी किरण होती है इसलिये इसे
ब्लू रे (Blu Ray) कहा जाता है, इस प्रकाश की वजह से ब्लूरे डिस्क पर 50 जीबी तक डाटा स्टोर किया जाता सकता
है
4- यूऍसबी फ्लैश ड्राइव (USB
Flash Drive)
यह वर्तमान की सबसे पॉपुलर और पोर्टबल सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस है जो USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ी
जाती है जिसे हम पेन ड्राइव के नाम से भी पुकारते है, इसका प्रयोग वीडियो, ऑडियो के अलावा अन्य डेटा को सेव करने
के लिए किया जाता है
Super Post bro 😊 👍
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