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CPU (सीपीयू) (Central Processing Unit)



CPU kya hai CPU की जानकारी हिंदी में

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CPU की जानकारी हिंदी में-

नमस्कार स्वागत है आपका हिंदी ब्लॉग prakashgroupofinstitution.blogspot.in  पर आपको कंप्यूटर से सम्बंधित बहुत सी जानकारियां इस ब्लॉग पर दी गयी है जैसे कंप्यूटर का इतिहास , कंप्यूटर क्या है , माउस क्या है कीबोर्ड क्या है आदि इस पोस्ट में CPU के बारे में जानकारी दी गयी है जैसे CPU का पूरा नाम CPU क्या है , CPU के कौन कौन से कार्य हैं , CPU के मुख्य भाग कितने है और CPU कितने पार्टों से मिलकर बना होता है, तो आइये देखते हैं CPU पर यह पोस्ट-


CPU (सीपीयू)-


CPU जिसका पूरा नाम है Central Processing Unit  और इसे हिंदी में केंद्रीय प्रचालन तंत्र कहा जाता ज्यादातर लोग इसे CPU ही बोलते हैं। CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहते हैं यह कंप्यूटर का मुख्य भाग है। इसका कार्य कंप्यूटर पर आने वाले इनपुट निर्देशों को प्रोसेस करना। 

CPU अंकगणित तार्किक नियंत्रण से जुड़े कार्य इनपुट कार्य आउटपुट कार्य सम्पन्न करता है। इसे आमतौर पर प्रोसेसर के रूप में जाना जाता है। और इसे माइक्रोप्रोसेसर भी कहा जाता है। 

CPU को कंप्यूटर का मष्तिष्क भी कहा जाता है। इसकी छमता किलोहर्ट्ज मेगाहर्ट्ज तथा गीगाहर्ट्ज इत्यादि में मापी जाती है। प्रोसेसर के कार्यप्रणाली को बिट के आधार आका जाता है। जैसे 8 बिट , 16 बिट , 32 बिट , 64 बिट आदि।


एक प्रोसेसर (PROCESSOR) में जितने बिट होंगे उनके कार्य करने की छमता उतनी ही अधिक होगी। जैसे 32 बिट प्रोसेसर 32 बिट एवम् उससे कम छमता के ऑपरेटिंग सिस्टम एवम् एप्लीकेशन पर कार्य कर सकता है। 32 बिट 64 बिट के एप्लीकेशन पर कार्य नहीं कर सकता। जबकि 64 बिट 32 बिट के एप्लीकेशन पर एवम् ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य कर सकता है।

CPU के कार्य-

# इसका काम कंप्यूटर से जुड़े विभिन्न उपकरणों को नियंत्रण करना है। 

# यह कंप्यूटर से प्राप्त सूचनावों का विश्लेषण करता है।

# यह एक माइक्रोचिप है जो डाटा को इनफार्मेशन में बदलते हुए प्रोसेस करता है।

# CPU कंप्यूटर के सारे कार्यों को नियंत्रित करता है। 

# यह इनपुट को प्रोसेस करके आउटपुट प्रदान करता है। यह इनपुट तथा आउटपुट से मिलकर पूरा कंप्यूटर सिस्टम बनाता है।

# कंप्यूटर में छोटी से लेकर बड़ी प्रोसेसिंग CPU में ही होती है इसका कार्य है कंप्यूटर का सही तरह से संचालन करना।

CPU के भाग-

आगत इकाई (इनपुट) निर्गत इकाई (आउटपुट) व् केंद्रीय संसाधन इकाई (CPU) के संयोजन से ही सम्पूर्ण कंप्यूटर बनता है। कंप्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग करने हेतु CPU को मुख्यतः तीन इकाइयों में विभाजित किया गया है। 

1. स्मृति (मेमोरी)
2. नियंत्रण इकाई (CONTROL UNIT)
3. अंकगणितीय एवं तार्किक इकाई (ARITHMETIC & LOGIC UNIT- ALU)

1. स्मृति (MEMORY)-

 इसका प्रयोग कंप्यूटर में डेटा को संग्रह करने में होता है। जब कंप्यूटर पर कोई निर्देश दिया जाता है या कोई काम हो रहा होता है तो या कंप्यूटर कार्यशील रहता है तो निर्देशों का संग्रह प्राइमरी मेमोरी में होता है।


और जब डेटा को SAVE करना होता है ताकि उसपर बाद में कार्य किया जा सके तो यह सेकेंडरी मेमोरी में SAVE या संग्रह किया जाता है।

2. नियंत्रण इकाई ( CONTROL UNIT-CU)-

इसका कार्य कंप्यूटर के हर घटक को मैनेज करना होता है। यह कंप्यूटर मेमोरी से जानकारी लेता है उन्हें पढ़ता है फिर उन्हें एक सिग्नल सीरीज में बदल देता है। ताकि कंप्यूटर के बाकी पार्ट्स अपना कार्य कर सके। इसका कार्य कंप्यूटर के सारे कार्यों को नियंत्रित करना है। और कंप्यूटर के सारे भाग जैसे इनपुट आउटपुट डिवाइस प्रोसेसर आदि गतिविधियों के बीच तालमेल बैठाने का है। जिससे की कंप्यूटर अपना कार्य कर सके।

3. अंकगणितीय एवं तार्किक इकाई (AIRTHMATIC LOGIC UNIT- ALU)-

ALU का कार्य अंकगणितीय तथा तार्किक गणना करना होता है अंकगणितीय जैसे जोड़ना + , घटना _ , गुना × , भाग ÷ आदि। तार्किक गणना के अंतर्गत ( < > =) आदि।

CPU में लगे पार्ट्स और उनकी जानकारी-

CPU के मुख्य भाग के बारे में तो हमने जान लिया अब हम देखते हैं CPU में कौन कौन से पार्ट्स लगे होते हैं और उनका कार्य क्या होता है-

1. मदर बोर्ड (MOTHER BOARD)-

इन्हें कई नामो से जाना जाता है। जिसमे मैनबोर्ड, मदरबोर्ड , सिस्टमबोर्ड अधिक चलन में आते है। ये एक प्रकार के सर्किट होते है जिसमे सभी पुर्जे आपस में जुड़े रहते है। मदरबोर्ड में  माइक्रोप्रोसेसर ,RAM, चिपसेट, ग्राफिक कंट्रोलर, अन्य इनपुट आउटपुट कंट्रोलर स्थापित किये रहते है।

2. RAM (RANDOM ACCESS MEMORY)-

यह कंप्यूटर की अस्थाई स्मृति होती है। ये कंप्यूटर के प्राथमिक संग्रहण उपकरण होते है RAM का संपर्क CPU के साथ सीधा होता है। किसी उपयोगकर्ता द्वारा भरी गई निर्देश या जानकारी ऑपरेटिंग सिस्टम से सर्वप्रथम RAM में आती है। उसके पश्चात CPU जरूरत के अनुसार किसी भी जानकारी को RAM से लेता है। RAM की स्मृति बस बिद्युत प्रवाह के साथ तक ही बनी रहती है। यानि जबतक कंप्यूटर में बिद्युत प्रवाहित होगा RAM की स्मृति बनी रहेगी।  जैसे ही बिद्युत प्रवाह हटेगा वैसे ही RAM की स्मृति नस्ट हो जायेगी। उसमे स्तिथ सारी जानकारी लुप्त हो जायेगी।

3. ROM CHIP-


कंप्यूटर को बनाते समय ही रॉम में डाटा डालकर कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थाई रूप से लगा दिया जाता है।इस चिप में ऐसे प्रोग्राम (और डाटा (रखे जाते है जिनकी जरूरत कंप्यूटर को स्टार्ट करने पर पड़ती है।

4. MATH COPROCESSOR-

गणित से सम्बन्धित कार्यो को करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। सीपीयू (CPU) के सहायता के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। आधुनिक माइक्रोप्रोसेसर  में इन्हें अलग से लगाने की आवस्यकता नहीं पड़ती है।

5. साउंड कार्ड (SOUND CARD)-

साउंड कार्ड का प्रयोग मल्टीमीडिया में ध्वनि के डिज़िटल सुचनावो को विद्युत संकेतो में बदलने के लिए किया जाता है। साउंड कार्ड को मदरबोर्ड में स्थापित किया जाता है।



6. टाइमर (TIMER)-

टाइमर मदरबोर्ड पर लगा रहता है। यह घड़ी के तरह कार्य करता है। इसे बैटरी से सप्लाई दी जाती है। जब कंप्यूटर बंद हो जाता है तो भी यह
काम करती है।

7. स्पीकर (SPEAKER)-

स्पीकर का प्रयोग सिस्टम यूनिट के अंदर ध्वनि संकेत उतपन्न करने के लिए किया जाता है।

8. पावर सप्लाई यूनिट (POWER SUPPLY UNIT)-


पॉवर सप्लाई यूनिट कंप्यूटर को उच्च व् निम्न वोल्टेज की गड़बड़ियों से बचाता है। इसे बिजली के पंखे द्वारा हवा देकर ठंडा किया जाता है। पंखा इसमें लगा रहता है।

9. हार्ड डिस्क (HARD DISK)-


ये बहुत सी जानकारियो को संग्रहण कर रखने में सछम होती है।  इनमे जो जानकारी रक्षित (SAVE) होती है वो  RAM की तरह बिद्युत प्रवाह बंद होने के साथ मिट नहीं जाते। बल्कि इनपर जो जानकारी स्थापित (रछित SAVE) की जाती है वो हमेशा के लिए बनी रहती है। जबतक की उपयोगकर्ता द्वारा उसे मिटा न दिया जाय। इनकी छमता की माप मेगाबाइट , गीगाबाइट , टेराबाइट , पिकाबाइट इत्यादि में की जाती है। हार्ड डिस्क कंप्यूटर में स्थाई रूप में लगे होते है। दस्तावेज (FILE) के आदान प्रदान के लिए इन्हें एक एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में सामान्तया नहीं लगाया जाता है।

10. कॉम्पैक्ट डिस्क ड्राइव(COMPACT DISK DRIVE)-


इन CPU में लगा होता है जिसमे CD DVD आदि को लगाकर डाटा का लेन देन किया जा सकता है। कॉम्पैक्ट डिस्क (COMPACT DISK) हार्ड डिस्क के विपरीत होते है। जैसा की हार्ड डिस्क को दस्तावेज के आदान प्रदान के लिए निकालकर सामान्तया एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में नहीं लगाया जाता। परन्तु कॉम्पैक्ट डिस्क (COMPACT DISK) आसानी से निकाले जा सकते है। इनको आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से लाया जा सकता है। तथा दस्तावेजो का आदान-प्रदान भी आसानी से किय जाता है।

'''' और भी ऐसे कई टूल्स CPU से जुड़े होते हैं और सबका कार्य अलग अलग होता है''''

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